Tuesday, August 6, 2019

प्रभातबेलामेंख़ुशियोंऔरप्रेमकासंदेशदेतायहआलेखसूखेमनकोसरसकरगया।बहुतसुंदरसटीकबातकहीहैजेन्नीजीआजबाहरीदिखावेऔरआगेबढनेकीहोड़नेमनुष्यकोसंवेदनहीनबनादियाऔरोंकेलिएतोहैहीअपनेलिएभीहै।बंधीबधाईजिंदगीप्रकृतिसेदूरनीरसजीवनजिएजारहाहै।
सहीसंदेशदेतासार्थकआलेखजेन्नीजी।बधाई

1 comment:

  1. यहाँ सिर्फ मेरे लिए की गई टिपण्णी है. बहुत अच्छा लगा देखकर. कुछ लिखिए यहाँ ताकि यहाँ भी आपको पढ़ सकें. बहुत बहुत आभार रत्नाकर जी.

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