प्रभातबेलामेंख़ुशियोंऔरप्रेमकासंदेशदेतायहआलेखसूखेमनकोसरसकरगया।बहुतसुंदरसटीकबातकहीहैजेन्नीजी, आजबाहरीदिखावेऔरआगेबढनेकीहोड़नेमनुष्यकोसंवेदनहीनबनादियाऔरोंकेलिएतोहैही, अपनेलिएभीहै।बंधीबधाईजिंदगी, प्रकृतिसेदूरनीरसजीवनजिएजारहाहै।
सहीसंदेशदेतासार्थकआलेखजेन्नीजी।बधाई
यहाँ सिर्फ मेरे लिए की गई टिपण्णी है. बहुत अच्छा लगा देखकर. कुछ लिखिए यहाँ ताकि यहाँ भी आपको पढ़ सकें. बहुत बहुत आभार रत्नाकर जी.
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